तो यहाँ होता है जिस्म को सौदा !
हिमांशु श्रीवास्तव 'अंकित'
लखीमपुर-खीरी। 'मोहब्बत नगर' नाम तो सुना ही होगा। शहर से सटी इस बस्ती में रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला हर समय औरतों के जिस्म को बेचा जाता है। खरीददार आते है और हवस की भूख मिटाकर चले जाते है। ऐसा भी नहीं कि आसपास के लोग इस काली करतूत के बारे में जानते न हो। जानते तो सभी है लेकिन कोई कानून के पंचडे में पड़ना नहीं चाहता। वहीं पुलिस अपनी जेबें गर्म कर इस धंधे की आंच को हवा दे रही है।
बताते चले कि निघासन रोड पर महेवागंज के निकट उल्ल नदी के पुल के समीप बनी बस्ती में कई ऐसे घर है जहां जिस्मफिरोशी का धंधा अपने चरम पर चल रहा है। हालांकि ये कोई नई बात नहीं है, यहां कई वर्षों से ये धंधा खाकी के संरक्षण में चल रहा है। आलम ये है कि यहां अभी तक पुलिस द्वारा कार्रवाई के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार रीमा (काल्पनिक नाम) यहां इस धंधे का संचालन करती है। सूत्रों की माने तो यहां से होने वाली कमाई का हिस्सा संबंधित चौकी को भी जाता है। शायद इसी वजह से पुलिस भी इस पर अपने हाथ डालने से कतराती है। लोगों की माने तो यहाँ 300 रुपए से लेकर मोटी रकम तक देने पर लड़कियां परोसी जाती है। ग्राहक जितना मोटा पैसा देता है उसकी डिमांड के अनुसार लड़कियां लाई जाती है। फिलहाल कई वर्षों से चल रहे है इस गोरखधंधे पर पुलिस अंकुश लगाने के मूड में नहीं दिख रही है।
लखीमपुर-खीरी। 'मोहब्बत नगर' नाम तो सुना ही होगा। शहर से सटी इस बस्ती में रात का अंधेरा हो या दिन का उजाला हर समय औरतों के जिस्म को बेचा जाता है। खरीददार आते है और हवस की भूख मिटाकर चले जाते है। ऐसा भी नहीं कि आसपास के लोग इस काली करतूत के बारे में जानते न हो। जानते तो सभी है लेकिन कोई कानून के पंचडे में पड़ना नहीं चाहता। वहीं पुलिस अपनी जेबें गर्म कर इस धंधे की आंच को हवा दे रही है।
बताते चले कि निघासन रोड पर महेवागंज के निकट उल्ल नदी के पुल के समीप बनी बस्ती में कई ऐसे घर है जहां जिस्मफिरोशी का धंधा अपने चरम पर चल रहा है। हालांकि ये कोई नई बात नहीं है, यहां कई वर्षों से ये धंधा खाकी के संरक्षण में चल रहा है। आलम ये है कि यहां अभी तक पुलिस द्वारा कार्रवाई के नाम पर कोई कदम नहीं उठाया गया है। सूत्रों के अनुसार रीमा (काल्पनिक नाम) यहां इस धंधे का संचालन करती है। सूत्रों की माने तो यहां से होने वाली कमाई का हिस्सा संबंधित चौकी को भी जाता है। शायद इसी वजह से पुलिस भी इस पर अपने हाथ डालने से कतराती है। लोगों की माने तो यहाँ 300 रुपए से लेकर मोटी रकम तक देने पर लड़कियां परोसी जाती है। ग्राहक जितना मोटा पैसा देता है उसकी डिमांड के अनुसार लड़कियां लाई जाती है। फिलहाल कई वर्षों से चल रहे है इस गोरखधंधे पर पुलिस अंकुश लगाने के मूड में नहीं दिख रही है।
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